एक प्यार ऐसा भी (2)

***2*** आज बस में भीड़ कुछ ज्यादा ही नजर आ रही थी....जिस वजह से सीट नही मिल पायी थी, लेकिन ट्रेन छूटने के डर से हम सभी खड़े खड़े ही स्टेशन तक आ गए थे.... अभी मै टिकट लेकर आगे बढ़ा ही था....की सामने तुम्हे मेरी तरफ आते देख मेरे कदम वही रुक गए थे... अरे तुम तो मेरी ही तरफ चली आ रही थी..... वैसे तो तुम्हे सामने देख मै बहुत खुश था.... लेकिन चेहरे पर ऐसे भाव लाये बिना ही बोल पड़ा... "अरे आप यहां क्या कर रही है, ट्रेन आने वाली होगी" "क्यू आप उस ट्रेन से नही जायेंगे, जो मेरी छूट जायेगी" (मेरी तरफ देखकर तुम बोली) मै कुछ बोल ना सका था....हाँ मेरी आँखें अपना काम किये जा रही थी...वो तुम्हारे चेहरे से हटने का नाम ही नही ले रही थी... "अरे अब चलोगे भी....या खड़े खड़े देखते ही रहोगे.." बिना कुछ कहे..... मेरे कदम अपने आप प्लेटफार्म की तरफ बढ़ गए थे..... ट्रेन प्लेटफार्म पर आ चुकी थी, सभी दोस्त हमारा इन्तजार कर रहे थे... हम दोनों को देखकर उन्हें सुकून इसलिए मिल गया था....क्योकि सारे टिकट हमारे पास ही थे....वो सब ट्रेन में बैठ चुके थे.... सायद आ...